
Mahadev
Published on 2021-07-26 06:37:59
नमामीशमिशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद: स्वरुपम् | निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाश मकाशवासं भजेऽहम् || निराकामोंकारमूलं तुरीयं गिरा ध्यान गोतीतमीशं गिरिशम | करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोअहम ||